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प्रशिक्षण कार्यक्रम

सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र को अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने में समर्थ बनाने हेतु ‘प्रशिक्षण’ एक महत्त्वपूर्ण कुंजी की तरह कार्य करता है एवं शिक्षा के क्षेत्र में संस्कृति को प्रचारित-प्रसारित करने हेतु सीसीआरटी वर्ष भर ‘सेवारत शिक्षक/शिक्षिकाओं के लिए विविध प्रशिक्षण-कार्यक्रम’ आयोजित करता है, जो देश के विभिन्न भागों में होते हैं । प्रशिक्षण-कार्यक्रम प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं, संस्थानों के प्रधानों तथा शिक्षक-प्रशिक्षकों हेतु आयोजित किये जाते हैं । छात्र/छात्राओं के व्यक्तित्व-विकास, विशेषकर निहित प्रतिभा को खोजने तथा रचनात्मक रूप में व्यक्त करने में सहायता करने के लिए, प्रविधियों की अभिकल्पना को विशेष महत्त्व दिया जाता है । छात्र/छात्राओं को प्राकृतिक व सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में शामिल करने तथा स्थानीय सामग्री के उपयोग और सामुदायिक मेल-मिलाप द्वारा भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रति व्यापक चेतना विकसित करने पर विशेष बल दिया जाता है ।
पाठ्यक्रम में सिखायी जाने वाली प्रत्येक कला अद्वितीय, महत्त्वपूर्ण तथा आवश्यक है, क्योंकि इससे भारतीयता का विशिष्ट बोध होता है । गहन बोध से कल्पना व सृजन के लिए प्रेरणा मिलती है तथा शिक्षण-संबंधी सृजनात्मक गतिविधियों पर इसका प्रभाव इस रूप में पड़ता है कि सौन्दर्यात्मक संवेदना और मूल्यों को मन में बिठाते हुए औपचारिक व अनौपचारिक शिक्षा में संलग्न शिक्षाकर्मिकों के लिए आयोजित कार्यक्रमों में इसका समावेश संभव हो जाता है । सौंदर्यात्मक मूल्यों को विकसित करने के लिए कलात्मक अभिव्यक्तियों व सांस्कृतिक परंपराओं को समझते हुए प्रतिभागी संवेदी, बौद्धिक, भावात्मक व दार्शनिक आधारों का अध्ययन करते हैं ।
वर्षों से, सीसीआरटी ने कार्य अनुसंधान द्वारा कक्षा की पढ़ाई में सांस्कृतिक अवयवों के समावेश हेतु प्रविधियाँ विकसित की हैं और इनके माध्यम से कुछ हद तक विद्यालय में पढ़ाए जाने वाले विविध विषयों को समझाने हेतु, सांस्कृतिक आधार का उपयोग करते हुए, शिक्षा के प्रति समेकित दृष्टिकोण के उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया है ।

सीसीआरटी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रतिनियुक्ति:

शिक्षकों को मूल रूप से एक संरचित प्रक्रिया के माध्यम से सीसीआरटी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रतिनियुक्त किया जाता है । सीसीआरटी राज्य शिक्षा विभागों/डाईट/डीईओ और अन्य सरकारी विभागों के सहयोग से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति/चयन करता है । इस चयन प्रक्रिया में विद्यालयी प्राधिकारियों, जिला प्राधिकारियों आदि की अनुशंसायं शामिल हो सकती हैं । इसके अतिरिक्त, शिक्षक कार्यमुक्त प्राधिकारी यानी प्रधानाचार्य/हेडमास्टर एवं डी.ई.ओ./स्कूल निरीक्षक/शिक्षा निदेशक/संबंधित अधिकारी/प्राधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित और अग्रेषित आवेदन पत्र के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं ।

प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया

 

राज्य/केंद्रशासित प्रदेश शिक्षा विभागों  आवेदन पत्र
स्टेज – I

राष्ट्रीय पत्र सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा सचिव को भेजा जाता है।

स्टेज – I

सीसीआरटी की वेबसाइट से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आवेदन पत्र डाउनलोड और प्रिंट करें।

आवेदन पत्र का लिंक

स्टेज – II

अनुवर्ती पत्र राज्य शिक्षा विभागों/एससीईआरटी/राज्य परियोजना निदेशकों/सीसीआरटी नोडल अधिकारियों को भेजा जाता है।

स्टेज – II

इसे पूरी तरह से भरें और कार्यमुक्त प्राधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित और अग्रेषित करवाएं।

स्टेज – III

प्रतिनियुक्ति के लिए ई-मेल से पुष्टि

स्टेज – III

इसे पोस्ट या ईमेल के जरिये भेजें ।

स्टेज –IV

प्रतिनियुक्त शिक्षकों की सूची पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सीसीआरटी की वेबसाइट पर अपलोड की जाती है ।

स्टेज – IV

योग्य उम्मीदवारों को संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का चयन पत्र भेजा जाता है, जिसकी एक प्रति उनके संबंधित कार्यमुक्त प्राधिकारी को भेजी जाती है।