सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र देश भर की कला व शिल्प पर श्रव्य रिकॉर्डिंग, स्लाइड, फोटोग्राफ, फिल्म, लिखित पाठ के रूप में सामग्री एकत्रित करता है, ताकि सीसीआरटी द्वारा देश के विद्यालयों में प्राप्त शैक्षिक किट की सामग्री समृद्ध हो सके तथा प्रशिक्षु शिक्षक/शिक्षिकाऐं व अन्य शोधकर्ताओं को भारत की कला पर शैक्षिक सामग्री भी दी जा सके।
सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा प्रलेखन का जो क्षेत्र चुना जाता है, वह इस आधार पर होता है कि उससे देश की विविध क्षेत्रें की संस्कृति के बारे में विद्यार्थियों में रुचि उत्पन्न हो तथा सांस्कृतिक, परंपराओं की विविधता व सातत्य के प्रति कला-विवेक का विकास संभव हो सके।
केन्द्र दृश्य-श्रव्य व लिखित सामग्री के रूप में, सांस्कृतिक शिक्षा से संबंधित विविध प्रकार की सामग्रियाँ तैयार करता रहा है। विशेष रुप से तैयार की गई यह शैक्षिक सामग्री उन विद्यालयों को दी जाती है, जहाँ के शिक्षकों/शिक्षिकाओं को पाठ्यक्रम संबंधी शिक्षण और विस्तार कार्यों के अंतर्गत, विद्यालय में पढ़ाई और शिक्षण की विभिन्न अवस्थाओं और स्तरों पर इसका प्रयोग करने के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है। इसके अलावा यह सामग्री सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र तथा इसके क्षेत्रीय केन्द्रों पर विक्रय हेतु भी उपलब्ध होती है।
सीसीआरटी का दृश्य-श्रव्य तथा प्रकाशन सामग्री से युक्त शैक्षिक किट उन संगठनों को प्रदान किया जाता है जहां से शिक्षक प्रशिक्षित हुए हैं। पाठ्यक्रम में प्रतिभागी शिक्षक/शिक्षिकाओं के कार्य-निष्पादन के मूल्यांकन के बाद, विशेषरूप से दो प्रशिक्षण कार्यक्रमों अर्थात् अनुस्थापन पाठ्यक्रम एवं कार्यशालाओं में शैक्षिक किट निर्गत की जाती है। सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा जिन संस्थाओं को शैक्षिक किट दिए जाते हैं, उन्हें निर्देश रहता है कि वे अपनी कक्षाओं, अन्य संस्थाओं व समुदाय के लिए किट सामग्री का उपयोग कर उस पर अर्धवार्षिक रिपोर्ट नियमित रूप से भेजते रहें।