सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र अपने उद्देश्यों की पूर्ति तथा शिक्षा के क्षेत्र में अपने कार्य को विस्तार देने व प्रसारित-प्रचारित करने हेतु वर्ष भर देश के विभिन्न भागों में विविध सेवारत अध्यापकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है । सेवारत अध्यापक, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मूलत: शिक्षा को संस्कृति के साथ जोड़ने के विस्तृत क्षेत्र को समाहित करते हुए , बच्चे के व्यक्तित्व- विकास पर, विशेषकर बच्चे में निहित प्रतिभा को खोजने तथा उसे रचनात्मक रूप से अभिव्यक्त करने में उसकी सहायता करने के सन्दर्भ में कार्य-प्रणालियां विकसित करने पर मूल महत्व दिया जाता है । छात्रों को प्राकृतिक व सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में शामिल करने तथा स्थानीय सामग्री के उपयोग और सामुदायिक अतंर्संबधों द्वारा भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रति व्यापक चेतना विकसित करने पर विशेष बल दिया जाता है ।
वर्षों से सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी) ने अध्ययनों द्वारा कक्षा की पढ़ाई में सांस्कृतिक तत्व के समावेश हेतु कार्य प्रणालियां विकसित की हैं और उनके माध्यम से कुछ हद तक स्कूल में पढ़ाए जाने वाले विविध विषयों को समझने हेतु एक सांस्कृतिक आधार का प्रयोग करते हुए शिक्षा के प्रति समेकित दृष्टिकोण के उद्देश्यों को प्राप्त करने के प्रयास किए हैं ।